हिमाचल और उत्तराखंड राज्य में पिछले कई महीनों से लगातार हो रही बारिश के कारण गन्ने की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए सरकार ने किसानों की मदद करने की बात कही है।
हिमाचल और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण हमारा जीवन तो अस्त-व्यस्त हो गया है, लेकिन इस आपदा के कारण किसानों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं। प्रदेश के गन्ना किसानों की फसलों को भी सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। सर्वे के मुताबिक ढाई हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों को उनकी उपज का केवल 25% ही मिल सकता है। किसानों के अनुसार इस भारी बारिश के कारण गन्ने की फसल लाल सड़न रोग से संक्रमित हो गई और जिससे उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई।
गन्ना या फसल लाल सड़न रोग
गन्ना किसानों द्वारा नकदी फसल के रूप में उगाया जाता है। नदियों में आई बाढ़ से गन्ने की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। किसानों को बाढ़ से राहत मिलने के बाद लाल सड़न रोग की समस्याएं बढ़ गई हैं। उत्तराखंड के जिलों में गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग तेजी से फैल रहा है, जिससे फसल सूखकर गिर रही है। लाल सड़न रोग गन्ने के लिए एक खतरनाक रोग है, इस रोग से फसल पूरी तरह नष्ट हो जाती है और पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
गन्ना या फसल लाल सड़न रोग
गन्ना किसानों द्वारा नकदी फसल के रूप में उगाया जाता है। नदियों में आई बाढ़ से गन्ने की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। किसानों को बाढ़ से राहत मिलने के बाद लाल सड़न रोग की समस्याएं बढ़ गई हैं। उत्तराखंड के जिलों में गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग तेजी से फैल रहा है, जिससे फसल सूखकर गिर रही है। लाल सड़न रोग गन्ने के लिए एक खतरनाक रोग है, इस रोग से फसल पूरी तरह नष्ट हो जाती है और पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
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