बिहान योजना 2023: इस योजना ने महिलाओं को दिया रोजगार, आज लाखों में हो रही है कमाई

भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के हित में समय-समय पर योजनाएं चलाई जा रही हैं। हम ऐसी ही कुछ योजनाओं के बारे में बात करेंगे जिन्हें छत्तीसगढ़ में बिहान योजना के नाम से जाना जाता है। और कैसे ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर लाखों कमाती हैं।
बिहान योजना आजीविका मिशन: वर्षों से, महिलाओं की भूमिका घर के कामों में रही है। इसके अलावा बाहरी क्षेत्रों में भी उन्होंने काफी अहम भूमिका निभाई है। किसी भी क्षेत्र में महिलाओं का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। यह माना जाता है कि समाज को विकसित करने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वहीं केंद्र सरकार और राज्य सरकारें महिलाओं के हित के लिए नई-नई योजनाएं बनाती रहती हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत “लखपति दीदी योजना” शुरू की। 15 अगस्त, 2023 को दिल्ली के लाल किले पर अपने भाषण में उन्होंने घोषणा की कि उनका सपना देश की 2 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार इस ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान” को पहले से चला रही है।बिहान योजना विशेष रूप से महिलाओं और युवतियों के लिए चलाई जा रही है, इस योजना का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ना और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके अलावा उन्हें स्वरोजगार के लिए जागरूक किया जा सकता है।

लखपति दीदी योजना का उद्देश्य
यह एक कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसमें गरीब महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें और खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर सकें। इसके अलावा वे अपने स्वयं के लघु उद्योग विकसित कर सकते हैं।
इस योजना के तहत महिलाओं और लड़कियों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाएगा।

भारत की केंद्र सरकार ने भी लखपति दीदी योजना के तहत लगभग 2 करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।

इस योजना के तहत आवेदन करने वाली महिलाओं को प्लंबिंग, एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इसके अलावा ड्रोन के संचालन और मरम्मत का प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार
‘बिहान’ योजना को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ का शुभारंभ किया।

‘बिहान’ योजना का उद्देश्य क्या है?
यह योजना छत्तीसगढ़ राज्य में पहले से ही चलाई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की आय को बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वर्ष को पार करना है।

ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और रोजगार के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करना।

राज्य के हर गरीब परिवार से कम से कम एक महिला को ‘बिहान’ योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों में शामिल किया जाना है।

स्वयं सहायता समूहों या ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक संगठनों और सामुदायिक संगठनों का गठन करके मार्गदर्शन किया जाना है।

इस योजना के तहत समूहों का एक संघ बनाकर महिलाओं को रोजगार दिया जाना है।

इसके अलावा ‘बिहान’ बाजार जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से उत्पादन और बिक्री के लिए जगह उपलब्ध कराई जानी है।
छत्तीसगढ़ में अब तक
छत्तीसगढ़ की ‘बिहान’ योजना महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हुई है। इस योजना से इन महिलाओं में आत्मनिर्भरता पैदा हुई है। इस योजना से जुड़ी महिलाओं को लाखों की आमदनी होती दिख रही है। इससे उनके घर की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। इस योजना के तहत कुछ महिलाओं ने बतख या मछली पालकर लाखों रुपये कमाए हैं। महिलाएं अब पापड़ बनाकर, बोरी सिलाई, मसाला बनाने और अन्य काम करके अच्छी कमाई कर रही हैं।

‘बिहान’ योजना छत्तीसगढ़ राज्य (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत चलाई जाती है। इस योजना के अनुसार, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को रोजगार के लिए स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सभी जिलों में अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति की है। जो समूह निर्माण में ग्रामीण महिलाओं की मदद और मार्गदर्शन करती है।

‘बिहान’ योजना के तहत विभिन्न रोजगार
कृषि मित्र
पशु मित्र
महिला किसान क्रेडिट कार्ड
बैंक सखी
बकरी पालन

मधुमक्खी पालन

न्यूट्री गार्डन प्रमोशन

बैंक मित्र
बिहान ‘योजना में क्या होता है
‘बिहान’ योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाता है। इन समूहों में एनआरएलएम अधिकारी और कर्मचारी शिविर आयोजित करते हैं और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।

शिविर में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम हर जिले में आयोजित किया जाता है। इन शिविरों में महिलाओं को 14 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है।

शिविर में स्व-सहायता समूहों में सक्रिय महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में साप्ताहिक बैठक, आलोचना, ऋण-अदायगी, खुले में शौच मुक्त परिवार, नशा मुक्त परिवार, सुपोषित परिवार जैसी प्रासंगिक जानकारी दी जाती है।

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